अगर आप को भी एक Comedy Script in Hindi की जरूरत है तो हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ऐसी कॉमेडी स्क्रिप्ट जिसे आप अपनी वीडियो में इस्तेमाल करके अपनी वीडियो को बहुत अच्छा बना सकते हैं बस आपको क्या करना है आपके यहां से स्क्रिप्ट को लेना है और इस पर वीडियो बनाना शुरू करना है मुझे उम्मीद है कि यह स्क्रिप्ट आपकी ऑडियंस के हंसते-हंसते पेट पाक देगी।
दोस्तों वैसे तो कॉमेडी वीडियो स्क्रिप्ट कोई भी बना सकता है लेकिन आपके मन में थोड़ा मजाकिया स्वभाव होना चाहिए तभी आप एक फनी कॉमेडी स्क्रिप्ट अच्छे से बना सकते हैं अगर आपको स्क्रिप्ट बनाना नहीं आता तो आप हमसे सीख सकते हैं नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप कॉमेडी स्क्रिप्ट बनाना सीख सकते हैं
comedy script in hindi

अगर आपको फनी कॉमेडी स्क्रिप्ट बनाना नहीं आता तो हमने यहां इस वेबसाइट पर बहुत सारी कॉमेडी स्क्रिप्ट डाली हुई है आप यहां से भी स्क्रिप्ट देख सकते हैं पढ़ सकते हैं और आनंद उठा सकते हैं और यहां पर दी गई सभी स्क्रिप्ट बहुत ही मजाक किया है जो आपको बहुत अच्छी लगेगी।
तो चलिए हम अपनी comedy script in hindi को शुरू करते हैं
Script का नाम : पापा का पहला ‘स्मार्ट’ कांड
पात्र :
- पापा (सुरेश जी) : लगभग 55 साल के, जिन्हें अभी-अभी नया स्मार्टफोन मिला है।
- बेटा (रोहन) : 22 साल का, जिसने पापा को फोन गिफ्ट किया है।
- मम्मी (उषा) : जो पूरे मज़े ले रही हैं।
(दृश्य: घर का लिविंग रूम। शाम का समय। रोहन अपने लैपटॉप पर है। मम्मी चाय बना रही हैं। पापा, सुरेश जी, सोफे पर बैठे अपने नए स्मार्टफोन को बड़ी गंभीरता से देख रहे हैं।)
पापा : (चश्मा ठीक करते हुए) हूँ… डिबिया तो बड़ी चिकनी है ये… पर चलती कैसे है?
रोहन : (बिना देखे) पापा, वो डिबिया नहीं, स्मार्टफोन है। और उसे प्यार से टच करते हैं, दबाते नहीं हैं।
पापा : (स्क्रीन पर ज़ोर से उंगली ठोकते हुए) अरे प्यार से ही तो कर रहा हूँ! ये सुनता ही नहीं है। देख, मैंने हनुमान जी का फोटो लगाया है इस पर।
(पापा फोन रोहन को दिखाते हैं। स्क्रीन पर हनुमान जी का वॉलपेपर है, लेकिन उस पर 15-20 ऐप आइकन्स की वजह से हनुमान जी का चेहरा ही नहीं दिख रहा।)
रोहन : पापा, ऐप्स को साइड में कर देते, बेचारे भगवान जी का चेहरा तो दिखने देते।
मम्मी : (चाय लाते हुए) रहने दे, तेरे पापा को जैसा अच्छा लगा, कर लिया। क्यों परेशान कर रहा है? सुरेश जी, लीजिए चाय।
पापा : (गर्व से) उषा, देखती हो? अब मैं भी तुम्हारे मायके वालों को ‘गुड मॉर्निंग’ वाले मैसेज भेजा करूँगा। फूलों वाले… हाँ!
मम्मी : अरे वाह! भेजिए-भेजिए, मेरे भाई साहब को भी भेजिएगा।
पापा : रोहन, वो… वो ‘वट्स-अप’ कहाँ है इसमें? कल ही तो डाला था तूने।
रोहन : पापा, ‘वट्स-अप’ नहीं, ‘व्हाट्सएप’। वो हरे रंग का डब्बा है न, वही है।
(पापा 10-15 सेकंड तक स्क्रीन पर ढूंढते हैं और गलती से कैलकुलेटर खोल लेते हैं।)
पापा : अरे! इसमें तो नंबर आ गए। क्या करूँ अब इसका?
रोहन : (माथा पीटकर) पापा, वो कैलकुलेटर है! बंद करिए उसे।
(रोहन आकर व्हाट्सएप खोलकर देता है। फैमिली ग्रुप ‘परिवार की शान’ में सुबह के आए हुए मैसेज भरे पड़े हैं।)
पापा : हाँ… ये फूफाजी ने अच्छा भेजा है। “चाय के साथ यादें गर्म हो जाएं तो दिन बन जाता है।” वाह! वाह! मैं भी ये सबको भेजूंगा। कैसे भेजते हैं?
रोहन : पापा, उस मैसेज को दबाकर रखिए, फिर ऊपर फॉरवर्ड का बटन आएगा।
पापा : (मैसेज को दबाने की कोशिश में स्क्रीन को ऊपर-नीचे करने लगते हैं) अरे! ये तो भाग रहा है ऊपर-नीचे। रुक ही नहीं रहा।
(पापा फोन को अजीब एंगल से पकड़ते हैं और गलती से कैमरा बटन दबा देते हैं। फ्रंट कैमरा खुल जाता है और स्क्रीन पर पापा का बेहद क्लोज-अप, कंफ्यूज्ड चेहरा दिखता है, जिसमें उनकी आधी नाक और माथा ही नज़र आ रहा है।)
पापा : अरे! ये मैं कहाँ से आ गया इसमें? भूत है क्या?
रोहन : (हंसते हुए) पापा, भूत नहीं, सेल्फी कैमरा है। बंद करिए उसे।
(पापा घबराहट में स्क्रीन पर कहीं भी उंगली दबा देते हैं और वो अजीब सी सेल्फी ‘परिवार की शान’ ग्रुप में चली जाती है।)
पापा : (खुश होकर) चला गया! भेज दिया मैंने फूफाजी का मैसेज।
रोहन : (अपना फोन चेक करते हुए) पापा! आपने फूफाजी का मैसेज नहीं, अपनी सेल्फी भेजी है!
(तभी ग्रुप में मैसेज आने शुरू हो जाते हैं।)
बुआजी का मैसेज: वाह भैया! क्या बात है! नया फोन लिया है क्या? कैमरा इतना अच्छा है कि एक-एक झुर्री दिख रही है। 😂
फूफाजी का मैसेज: अरे सुरेश जी! इस उम्र में ये सब… हीरो लग रहे हो! 😉
दीदी का मैसेज : Papaaaa! What is this?! 🤣🤣 Delete it NOW!
पापा : (घबराकर) अरे राम! ये क्या हो गया? उषा… देखो! सब मज़ाक उड़ा रहे हैं। डिलीट कर इसे… जल्दी कर!
मम्मी: (हंसते-हंसते) तो क्या हो गया? भेज दी तो भेज दी। हीरो ही तो लग रहे हो।
रोहन: लाइए पापा, मैं करता हूँ। (फोन हाथ में लेकर) इस पर दबाइए और फिर ‘डिलीट फॉर एवरीवन’ पर क्लिक करिए।
पापा: (रोहन से फोन छीनकर) ला, मैं खुद करूँगा! अपनी गलती मैं खुद सुधारूंगा। ‘डिलीट फॉर…’ हाँ, ये रहा डिलीट!
(पापा जल्दी में ‘डिलीट फॉर एवरीवन’ की जगह ‘डिलीट फॉर मी’ दबा देते हैं।)
पापा : (राहत की सांस लेकर) फूँ… कर दिया डिलीट। हट गया मेरे फोन से। अब किसी को नहीं दिखेगा।
अगली कॉमेडी स्क्रिप्ट देखें। 👈
फनी कॉमेडी स्क्रिप्ट लिखने के लिए जरूरी चीजें
एक अच्छी और मज़ेदार कॉमेडी स्क्रिप्ट लिखना एक कला है, जिसमें कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। यह सिर्फ़ चुटकुले लिखने के बारे में नहीं है, बल्कि एक ऐसी कहानी बनाने के बारे में है जो लोगों को हंसा सके। इसके लिए नीचे दी गई चीज़ों की ज़रूरत होती है:
1. एक अनोखा और मज़बूत आइडिया (Concept)
किसी भी कॉमेडी स्क्रिप्ट की नींव उसका आइडिया होता है। आपका आइडिया जितना अनोखा और मज़ेदार होगा, स्क्रिप्ट उतनी ही आकर्षक बनेगी। यह आइडिया रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी कोई आम सी स्थिति हो सकती है, जिसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाए। उदाहरण के लिए, “क्या होगा अगर एक एलियन सब्ज़ी खरीदने पृथ्वी पर आए?” या “एक पापा जो पहली बार स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं।”
2. मज़ेदार और यादगार किरदार (Characters)
कॉमेडी किरदारों पर बहुत निर्भर करती है। आपके किरदार ऐसे होने चाहिए जिनसे दर्शक जुड़ाव महसूस कर सकें। हर किरदार की अपनी एक खास आदत, कमजोरी या खासियत होनी चाहिए जो हंसी पैदा करे। जैसे – एक बहुत ही कंजूस दोस्त, एक बहुत भोला इंसान, या एक ऐसा किरदार जो हर बात को बहुत गंभीरता से लेता हो। किरदारों के बीच की केमिस्ट्री भी कॉमेडी के लिए बहुत ज़रूरी है।
3. सिचुएशन और सेटिंग (Situation and Setting)
सिचुएशन या स्थिति ही वह मंच है जहाँ कॉमेडी होती है। एक आम सी सेटिंग (जैसे घर, ऑफिस, या बाज़ार) में जब कोई असामान्य घटना होती है, तो कॉमेडी अपने आप पैदा हो जाती है। आपको एक ऐसी स्थिति बनानी होगी जहाँ आपके किरदार फंस जाएं और उससे निकलने के लिए मज़ेदार हरकतें करें।
4. टकराव या गलतफहमी (Conflict or Misunderstanding)
कॉमेडी में टकराव का मतलब लड़ाई-झगड़ा नहीं, बल्कि किरदारों के लक्ष्यों का आपस में टकराना है। जब एक किरदार कुछ करना चाहता है और दूसरा किरदार अनजाने में या जानबूझकर उसमें बाधा डालता है, तो इससे मज़ेदार स्थितियाँ बनती हैं। गलतफहमी कॉमेडी का सबसे बड़ा हथियार है। एक छोटी सी गलतफहमी कैसे बड़ी और मज़ेदार बन जाती है, यही अच्छी स्क्रिप्ट की पहचान है।
5. चतुर डायलॉग और पंचलाइन (Witty Dialogues and Punchlines)
डायलॉग्स स्क्रिप्ट की जान होते हैं। ये किरदारों के हिसाब से होने चाहिए और उनमें चतुराई और हास्य का मिश्रण होना चाहिए। हर लाइन मज़ेदार हो, यह ज़रूरी नहीं है, लेकिन बातचीत ऐसी होनी चाहिए जो धीरे-धीरे एक पंचलाइन की तरफ बढ़े। पंचलाइन वह आखिरी डायलॉग या एक्शन होता है जो दर्शकों को हंसाता है। एक अच्छा “सेट-अप” (माहौल बनाना) और फिर एक अप्रत्याशित “पंचलाइन” कॉमेडी का क्लासिक फॉर्मूला है।
6. सरप्राइज़ और अतिशयोक्ति (Surprise and Exaggeration)
कॉमेडी तब ज़्यादा असरदार होती है जब दर्शक को कुछ अप्रत्याशित देखने को मिलता है। कहानी में अचानक आने वाले मोड़ या किसी किरदार का अजीब रिएक्शन लोगों को चौंकाता भी है और हंसाता भी है। इसी तरह, किसी छोटी सी बात या स्थिति को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना (अतिशयोक्ति) भी हंसी पैदा करने का एक असरदार तरीका है।
7. सही स्ट्रक्चर और पेसिंग (Structure and Pacing)
एक कॉमेडी स्क्रिप्ट की भी एक शुरुआत, मध्य और अंत होना चाहिए।
- शुरुआत: किरदार और स्थिति का परिचय दें।
- मध्य: समस्या या गलतफहमी को और बढ़ाएँ, जिससे ज़्यादा कॉमेडी पैदा हो।
- अंत: कहानी को एक मज़ेदार क्लाइमेक्स पर खत्म करें, जहाँ सबसे बड़ा पंचलाइन हो।
कहानी की गति (पेसिंग) सही होनी चाहिए, ताकि दर्शक बोर न हो और हर जोक को समझने का उसे समय मिले।
इन सभी चीज़ों का सही मिश्रण करके आप एक सफल और फनी कॉमेडी स्क्रिप्ट तैयार कर सकते हैं।
निष्कर्ष
फनी कॉमेडी स्क्रिप्ट लिखना एक स्किल है जो अभ्यास, अवलोकन और रचनात्मकता से आती है। एक अच्छे आइडिया, यादगार किरदारों और सही स्ट्रक्चर के साथ कोई भी एक मनोरंजक स्क्रिप्ट लिख सकता है। शुरुआत में छोटी-छोटी स्क्रिप्ट्स (जैसे 2-5 मिनट की स्किट) लिखने से शुरू करें, खूब कॉमेडी फिल्में और शो देखें, और सबसे ज़रूरी, लिखने की प्रक्रिया का आनंद लें।
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