Khasi kaise thik kare – खांसी शरीर की एक स्वाभाविक और रक्षात्मक प्रतिक्रिया है, जो श्वसन मार्ग (गले, फेफड़ों) को साफ करने में मदद करती है। हालांकि, लगातार खांसी आना कष्टदायक हो सकता है और यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर सामान्य खांसी को कुछ घरेलू उपचारों और सावधानियों से ठीक किया जा सकता है।
खांसी क्या है
खांसी एक ऐसी क्रिया है जिसमें फेफड़े हवा को तेजी से बाहर निकालते हैं, ताकि गले या श्वास नली में मौजूद बलगम, धूल, धुएं या किसी अन्य बाहरी कण को हटाया जा सके। यह एक रिफ्लेक्स एक्शन है, जिसका मतलब है कि हमारा शरीर इसे अपने आप करता है ताकि श्वसन तंत्र को साफ और सुरक्षित रखा जा सके। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि किसी बीमारी या जलन का एक लक्षण है।
खांसी कब होती है
खांसी तब होती है जब हमारे श्वसन मार्ग में स्थित नसें (Nerves) किसी जलन पैदा करने वाली चीज का पता लगाती हैं। यह दिमाग को एक संकेत भेजती हैं, और दिमाग मांसपेशियों को तेजी से सिकुड़ने का आदेश देता है, जिससे फेफड़ों से हवा एक झटके में बाहर निकलती है और उस जलन पैदा करने वाले कण को भी अपने साथ बाहर ले आती है।
खांसी कितने प्रकार की होती है
खांसी को मुख्य रूप से उसकी अवधि और प्रकृति के आधार पर बांटा जाता है:
- एक्यूट खांसी (Acute Cough): यह खांसी अचानक शुरू होती है और आमतौर पर तीन सप्ताह से कम समय तक रहती है। यह सर्दी, फ्लू या किसी वायरल संक्रमण के कारण होती है।
- सबएक्यूट खांसी (Subacute Cough): यह खांसी तीन से आठ सप्ताह तक बनी रह सकती है। यह अक्सर किसी संक्रमण के ठीक होने के बाद भी रह जाती है।
- क्रोनिक खांसी (Chronic Cough): यदि खांसी आठ सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, तो इसे क्रोनिक खांसी कहते हैं। यह अस्थमा, एसिड रिफ्लक्स (GERD), धूम्रपान या किसी गंभीर फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकती है।
इसके अलावा, खांसी को बलगम के आधार पर भी दो प्रकारों में बांटा जाता है:
- सूखी खांसी (Dry Cough): इसमें बलगम नहीं बनता, और गले में सिर्फ खराश या खुजली महसूस होती है।
- बलगम वाली खांसी (Wet/Productive Cough): इसमें फेफड़ों से बलगम या कफ निकलता है।
खांसी किस कारण से होती है
खांसी होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संक्रमण: सामान्य सर्दी-जुकाम, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या टीबी जैसे वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण।
- एलर्जी: धूल, धुआं, परागकण (Pollen) या किसी अन्य एलर्जेन के संपर्क में आने से।
- अस्थमा: यह फेफड़ों की एक बीमारी है जिसमें श्वसन मार्ग में सूजन आ जाती है, जिससे खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है।
- एसिड रिफ्लक्स (GERD): जब पेट का एसिड भोजन नली में वापस आता है, तो इससे गले में जलन होती है और खांसी आती है।
- धूम्रपान: धूम्रपान करने वालों को अक्सर “स्मोकर्स कफ” होता है क्योंकि धुआं लगातार उनके श्वसन मार्ग में जलन पैदा करता है।
- दवाओं के साइड इफेक्ट्स: कुछ दवाएं, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप के लिए इस्तेमाल होने वाली (जैसे ACE इन्हिबिटर्स), सूखी खांसी का कारण बन सकती हैं।
खांसी को ठीक करने के तरीके

ज्यादातर सामान्य खांसी को इन घरेलू उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है:
- गर्म पानी और तरल पदार्थ: गर्म पानी, हर्बल चाय और सूप पीने से गला नम रहता है और बलगम पतला होकर आसानी से निकल जाता है।
- नमक के पानी से गरारे: एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारे करने से गले की खराश और सूजन में आराम मिलता है।
- शहद का सेवन: शहद में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यह गले को आराम देता है। एक चम्मच शहद को सीधे या गर्म पानी/चाय में मिलाकर पिएं। (एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद न दें)।
- अदरक: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक के एक छोटे टुकड़े को नमक लगाकर धीरे-धीरे चबा सकते हैं।
- तुलसी: तुलसी के पत्तों की चाय या तुलसी का काढ़ा बनाकर पीना खांसी में बहुत फायदेमंद होता है।
- भाप लेना (Steam Inhalation): गर्म पानी की भाप लेने से बंद नाक और छाती में जमा बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है।
- पर्याप्त आराम: शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए आराम की जरूरत होती है। पूरी नींद लें और शरीर को आराम दें।
खांसी में पेट क्यों दुखता है
जब हम बार-बार और जोर-जोर से खांसते हैं, तो हमारे पेट की मांसपेशियों (Abdominal muscles) पर बहुत दबाव पड़ता है और वे तेजी से सिकुड़ती हैं। लगातार ऐसा होने से इन मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है और वे थक जाती हैं, ठीक उसी तरह जैसे बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने के बाद शरीर में दर्द होता है। इसी मांसपेशियों के खिंचाव के कारण खांसी में पेट दुखने लगता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
खांसी में सांस क्यों फूलता है?
खांसी में सांस फूलने के कई कारण हो सकते हैं। जब श्वसन मार्ग में बहुत अधिक बलगम जमा हो जाता है या अस्थमा जैसी स्थिति में सूजन आ जाती है, तो हवा के आने-जाने का रास्ता संकरा हो जाता है। इससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और सांस फूलने लगती है। यदि खांसी के साथ सांस लेने में गंभीर तकलीफ हो, तो यह एक आपातकालीन स्थिति हो सकती है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
खांसी को ठीक होने में कितना समय लगता है?
यह खांसी के कारण पर निर्भर करता है। सामान्य सर्दी-जुकाम से होने वाली एक्यूट खांसी आमतौर पर 1 से 3 सप्ताह में ठीक हो जाती है। यदि खांसी इससे अधिक समय तक बनी रहती है, तो यह किसी अन्य समस्या का संकेत हो सकती है और इसके लिए डॉक्टरी जांच की आवश्यकता होती है।
खांसी कितने प्रकार की होती है?
जैसा कि ऊपर बताया गया है, खांसी मुख्य रूप से अवधि के आधार पर तीन प्रकार की होती है: एक्यूट (3 सप्ताह से कम), सबएक्यूट (3-8 सप्ताह), और क्रोनिक (8 सप्ताह से अधिक)। बलगम के आधार पर यह दो प्रकार की होती है: सूखी खांसी और बलगम वाली खांसी।
निष्कर्ष
खांसी शरीर की एक महत्वपूर्ण रक्षा प्रणाली है, लेकिन लगातार खांसी आना असुविधाजनक हो सकता है। अधिकांश मामलों में, घरेलू उपचार और पर्याप्त आराम से खांसी में राहत मिल जाती है। हालांकि, यदि खांसी लंबे समय तक बनी रहती है, उसके साथ तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ या खून आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
Disclaimer (अस्वीकरण)
यह जानकारी केवल सामान्य शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए या कोई भी उपचार शुरू करने से पहले, कृपया एक योग्य डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें।
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